किसान कार्यशाला
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मूंगफली खेती सीखें
चन्द्रभान जी
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भूमि की तैयारी

सबसे पहले मूंगफली की खेती के लिए भूमि का चयन करें। इसके लिए हल्की दोमट रेतीली मिट्टी आपके लिए उपयुक्त है। अपनी भूमि की दो बार डिस्क हैरो से, दो बार कल्टीवेटर से, एक बार रोटावेटर से गहरी जुताई करें। जिस खेत की मिट्टी भुरभुरी भूरी हो जाए, वह ठीक है, कल खेत में तीन से चार ट्रॉली गोबर की खाद डालें तथा 10 से 20 बैग जिप्सम खाद प्रबंधन करें। इसके बाद 50 किलो 12:32:16 5 किलो मैग्नीशियम, 5 किलो सल्फर डब्ल्यूडीजी, 200 ग्राम पोटेशियम ह्यूमेट, 100 ग्राम पोटेशियम पूरा वजन, 10 किलो सरसों की खली, इन सबको लेकर खाद बना लें, यह इसकी मूल खुराक है, यही हमें भूमि के लिए चाहिए। तैयारी के समय डालना है।

बीज चयन

अपने क्षेत्र के अनुसार प्रजाति का चयन करें। प्रति एकड़ लगभग 50 किलो मूंगफली के बीज की आवश्यकता होती है। बीजों को अच्छी तरह सुखा लें। इसके बाद बीज शोधन के लिए बीजों को किसी अच्छे फफूंदनाशक से उपचारित करें। 5 ग्राम प्रति किलोग्राम ट्राइकोडर्मा या तीन ग्राम बेबिस्टीन, इसके साथ ही अपनी भूमि को भी उपचारित करें। जिसने भी भू प्रहरी किट से मदर कल्चर सिस्टर कल्चर बनाया है, वह अपनी भूमि में या तो इसका छिड़काव करें या ड्रेंचिंग के माध्यम से। इसके बाद मूंगफली बोएं

खरपतवार नियंत्रण

दो स्थितियाँ हैं, एक निराई-गुड़ाई से पहले और दूसरी निराई-गुड़ाई के बाद, खरपतवार उगने से पहले। मूंगफली की बुआई के तुरंत बाद डेढ़ से 2 लीटर पेंदा मैथिली प्रति एकड़ में स्प्रे करें या फिर सुमो मैक्स 40 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें, आपके खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे। खरपतवार उगने के बाद फूजीफ्लेक्स सिंजेन्टा या मस्ताना घर्दा कंपनी या जो भी आपके क्षेत्र में काम आता हो, उसका 400 मिली प्रति एकड़ डालें।

रोगों और बीमारियों पर नियंत्रण

भू प्रहरी किट महीने में दो बार छिड़काव करने और जब भी खेत में पानी आए पानी देने से सभी रोग और बीमारियां नियंत्रित हो जाएंगी।

सिंचाई प्रबंधन

सबसे पहले मूंगफली में फूल आने के समय पानी दें, जब पौधे से कुछ जड़ें निकलकर मूंगफली बन जाती हैं। उस समय खेत में नमी बनाए रखें। मूंगफली बनने और दाना बनने के दौरान मूंगफली में नमी बनाए रखें। 10 किलो कैल्शियम नाइट्रेट और 200 ग्राम पोटेशियम हुह्यु मेट को पानी में मिला लें। उसे अपने खेत के हिसाब से चलाने दें क्योंकि हर जगह की परिस्थिति अलग होती है। समय-समय पर कुछ अनिवार्य कार्य। फूल आने के समय ग्रोथ प्रमोटर भू प्रहरी किट विद कल्चर, एचडीएल मिक्स न्यूट्री 500 ग्राम, एचडीएल मैक्स प्रोटीन 500 ग्राम, 100 ग्राम पोटेशियम हुह्यु मेट को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना है। अगर आपकी मूंगफली की वानस्पतिक वृद्धि 65 से 70 दिन के आसपास अधिक है तो आप इसमें ग्रोथ रेगुलेटर लगा सकते हैं, इसके कुछ नाम हैं सिंजेंटा का कल्टर या लिहोसीन या टैबोली। इसके साथ ही 2 किलो 0:52:34,, 200 ग्राम पोटेशियम ह्यूमेट, 500 ग्राम एचडीएल मिक्स न्यूट्री, 500 ग्राम एचडीएल प्रोटीन लें, इसे 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। मूंगफली के पकने के बाद ही इसकी कटाई करें। कटाई करते समय ध्यान रखें कि दाने पके हुए हों।

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